योगी ने अपने ही मत्थे फोड़ लिया ठीकरा
सरकार का पक्ष लेने के बजाय अपनी साधने में लगे महाधिवक्ता चुप्पी साधे चतुर चाल चलने और समझने में लगे
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Read moreमार्च 1999 में हुए सेनारी नरसंहार के बाद राज्य ही नहीं पूरा देश इस हृदय विदारक घटना से सदमे में
Read moreराहत पैकेजों से अकालग्रस्त बुंदेलखंड को कोई राहत नहीं मिल रही है. राहत पैकेजों में भारी घोटाले की खबरें सामने
Read moreउत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर ताकतवर नेताओं और मंत्रियों की करतूतों को उजागर करने वाले पत्रकारों या आम लोगों
Read moreऐसा नहींं है कि जासूसी पूरी तरह से पुरुषों के लिए ही बनाया गया प्रोफेशन है. महिलाओं ने भी जासूसी
Read moreआज तक विभिन्न राजनीतिक दल यह दावा करते आए हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन उनके वास्तविक
Read moreकांग्रेस पार्टी के खाते में अब केवल तिकड़म और परस्पर खींचतान ही शेष है. सियासी संभावनाओं और भविष्य की स्थापना के
Read moreभारतीय समाज में बहुत सारी कहानियां और कहावतें हैं, जो सैकड़ों-हज़ारों सालों के अनुभवों के बाद सूत्र रूप में बनी
Read moreराजा को पता नहीं, मुसहर जंगल का सौदा कर रहे. यह कहावत इन दिनों उत्तराखंड में चरितार्थ हो रही है.
Read moreआख़िर सौ दिनों का एजेंडा क्या है? प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपने सभी मंत्रियों से कहा था कि
Read moreनरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठकमें दो काम किए. मुझे लगता है कि वे दोनों काम अच्छे हैं. पहला
Read more16वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव नेताओं के साथ-साथ पत्रकारों के लिए भी थकाने वाला रहा. इस बार फोटोजर्नलिस्टों
Read moreदेश में 16वीं लोकसभा का चुनाव अपने पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहा है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र
Read more16 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार एवं झारखंड की राजनीति में भूचाल आना तय है.
Read moreक्रीमिया जल रहा है और दुनिया भर के देश अपनी दादागीरी में मस्त हैं. क्रीमिया संकट की शुरुआत से ही
Read moreमुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में जार्ज के अलावा बिजेंद्र चौधरी भी निर्दलीय उम्मीदवार थे. वह भी पूर्व विधायक हैं. पिछले चुनाव
Read moreलोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद देश की करोड़ों जनता का प्रतिनिधित्व करती है. सदन की शोभा सांसदों से नहीं,
Read moreभ्रष्टाचार तो हम भारतीयों के रक्त में सम्मिलित हो गया है. इसे हमारे समाज ने सहजता से स्वीकार कर लिया
Read moreअब लाख टके का सवाल है कि लालू प्रसाद अपने इस वादे को निभाएंगे कैसे? अगर गठबंधन के कारण अब्दुल
Read moreसमाजवादी पार्टी को टिकट बंटवारे में छींके आने लगी हैं. साल भर पूर्व जिन नेताओं को लोकसभा का टिकट दिया
Read moreदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर हों, लेकिन माकपा के महासचिव प्रकाश करात
Read moreयूपीए-दो के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के स्तर पर भी यह सरकार असफल ही रही. हालांकि, इस मामले में यूपीए सरकार
Read moreआम आदमी पार्टी एक नया प्रयोग है, जिसे हम सभी ने बेहद क़रीब से देखा. पार्टी के जो भी पांच-छह
Read moreविधानसभा का सत्र दोपहर एक बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया था. कुछ विधायक आपस में हंसी-मज़ाक कर
Read moreक्या अब भी लोकमानस में इस तरह के प्रश्न नहीं उठने चाहिए? हम गुलाम थे तो नेताओं का वादा था
Read moreसपा प्रमुख मुलायम सिंह के अनुज शिवपाल सिंह यादव हैं. जो सपा को आगे बढ़ाने के लिए अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं
Read moreराहुल गांधी ने खुद कहा है कि वह पार्टी और सरकार में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह भूमिका वह कब से निभाएंगे, इसका फैसला उनकी मां एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे. इसका सीधा मतलब है कि राहुल गांधी संगठन में प्रतीकात्मक और सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सरकार में उनकी भूमिका के बारे में हम बाद में बात करेंगे, पहले संगठन में निभाई जाने वाली उनकी भूमिका के बारे में बात करते हैं.
Read moreउत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद राहुल ने अपना दायरा सीमित कर लिया है. राहुल गांधी बात भले ही पूरे प्रदेश की करते दिखते हों, लेकिन सच्चाई यही है कि उनका सारा ध्यान अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पर लगा है. उन्हें अब इस बात का डर सता रहा है कि अगर हालात नहीं बदले तो 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके लिए अपनी सीट बचाना भी मुश्किल हो जाएगा.
Read moreबीते चार अप्रैल को इंडियन एक्सप्रेस के फ्रंट पेज पर पूरे पन्ने की रिपोर्ट छपी, जिसमें देश को बताया गया कि 16 जनवरी को भारतीय सेना ने विद्रोह करने की तैयारी कर ली थी. इस रिपोर्ट से लगा कि भारतीय सेना देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर फौजी तानाशाही लाना चाहती है. इस रिपोर्ट ने सारे देश में न केवल हलचल पैदा की, बल्कि सेना को लेकर शंका का वातावरण भी पैदा कर दिया. सभी चैनलों पर यह खबर चलने लगी, लेकिन तीन घंटे बीतते-बीतते सा़फ हो गया कि यह रिपोर्ट झूठी है, बकवास है, किसी खास नापाक इरादे से छापी गई है और इसे छपवाने के पीछे एक बड़ा गैंग है, जो हिंदुस्तान में लोकतंत्र को पसंद नहीं करता.
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