भारतीय लोकतंत्र के लिए आने वाला समय काफी महत्वपूर्ण है. लोगों का इस व्यवस्था से भरोसा उठने और उसके नतीजे के तौर पर जनता के सड़क पर उतरने की घटनाएं लगातार जारी हैं. दामिनी वाली घटना में जिस तरह से युवा लगातार दिल्ली और देश के बाक़ी हिस्सों में आंदोलन कर रहे हैं, इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत माना जा सकता है. यह माना जा सकता है कि भारतीय लोकतंत्र अब परिपक्व होने की कगार पर है. इसी कड़ी में देखें तो जन लोकपाल के लिए आंदोलन करके अन्ना हजारे ने देश में न स़िर्फ भ्रष्टाचार, बल्कि एक निष्क्रिय एवं असंवेदनशील व्यवस्था के ख़िलाफ़ जनभावना जागृत करने का काम किया. अब एक बार फिर अन्ना हजारे का आंदोलन शुरू होने वाला है, पटना के गांधी मैदान से. 30 जनवरी को अन्ना हजारे इस ऐतिहासिक गांधी मैदान से अपने नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे और देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए एक नई लड़ाई का आगाज़ करेंगे. शुरू में प्रशासन ने गांधी मैदान में रैली करने की अनुमति देने में थोड़ी आनाकानी की, लेकिन बाद में अन्ना एवं वी के सिंह की अपील पर या कहें कि जनभावना को समझते हुए रैली के लिए अनुमति दे दी. अब बिहार की जनता को 30 जनवरी का इंतज़ार है, जब अन्ना गांधी मैदान पहुंचेंगे और व्यवस्था परिवर्तन के लिए एक नए आंदोलन की घोषणा करेंगे. अन्ना हजारे ने बिहार और देश की जनता के नाम एक अपील जारी करके लोगों से इस आंदोलन का नेतृत्व करने का निवेदन भी किया है.
30 जनवरी की रैली को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश में तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. इस जनतंत्र रैली को ऐतिहासिक और सफल बनाने के लिए बिहार में जगह-जगह बैठकें चल रही हैं. पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने दिल्ली में बीते 31 दिसंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस करके 30 जनवरी की रैली की घोषणा और देश के युवाओं से इसमें शामिल होने की अपील की. दिल्ली के बाद पटना में भी जनरल सिंह लोगों से मिल रहे हैं. वहां उन्होंने बीती 2 जनवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस की. 30 जनवरी को अन्ना हजारे की अगुवाई में होने वाली रैली के मक़सद के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसे लोगों को साथ लाना चाहते हैं, जो इस देश में परिवर्तन चाहते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम एक पत्र भी लिखा, जिसमें गांधी मैदान में रैली करने की अनुमति देने के बारे में कहा गया था. पटना में प्रेस कांफ्रेंस के पहले ही ज़िला प्रशासन से गांधी मैदान में रैली की अनुमति मिल गई थी. ग़ौरतलब है कि पहले ज़िला प्रशासन ने 26 जनवरी का हवाला देते हुए गांधी मैदान में रैली करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. अन्ना हजारे एवं वी के सिंह मानते हैं कि देश में परिवर्तन के लिए छात्रों और नौजवानों को आगे आना होगा. इसलिए वे छात्रों एवं नौजवानों से खास अपील भी कर रहे हैं कि 30 जनवरी की रैली में शामिल हों. इस अपील का असर भी देखने को मिल रहा है. बिहार में जहां युवा वर्ग अन्ना हजारे को लेकर उत्साहित नज़र आ रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश में भी छात्रों का एक बड़ा वर्ग रथयात्रा के ज़रिए उत्तर प्रदेश, झारखंड एवं बिहार के कई हिस्सों तक पहुंचेगा और अन्ना हजारे की रैली में पहुंचने के लिए लोगों को आमंत्रित करेगा. इससे पहले छात्र युवा संघर्ष मोर्चा बनारस में जनरल वी के सिंह एवं अन्ना हजारे की रैली का आयोजन सफलतापूर्वक कर चुका है और अब वह 30 जनवरी की रैली के लिए तैयारियां कर रहा है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश छात्र युवा संघर्ष मोर्चा से जुड़े उमेश कुमार सिंह जी और उनके साथी रवीश सिंह, रविकांत रॉय, निर्भय सिंह और शशांक सिंह बताते हैं कि जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में प्रयाग से पटना के लिए एक रथयात्रा शुरू की जाएगी. यह यात्रा इलाहाबाद से शुरू होकर भदोही, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, बनारस, आजमगढ़, गाज़ीपुर, मऊ, बलिया, बक्सर, भभुआ, सासाराम, रोहतास, डेहरीम गया, डाल्टनगंज एवं आरा होते हुए पटना पहुंचेगी. इस रूट में जितने भी कॉलेज एवं विश्वविद्यालय आएंगे, उन सभी जगहों पर छात्र युवा संघर्ष मोर्चा के लोग जाएंगे और छात्रों एवं युवाओं से 30 जनवरी को गांधी मैदान की रैली में शामिल होने की अपील करेंगे.
अन्ना की अपील
देश में व्यवस्था परिवर्तन की मांग उठ रही है. अब इस मांग को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. देश में भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोज़गारी, अशिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सीमा पार कर गई हैं. अराजकता चरम सीमा पर है. इसके ख़िलाफ़ देश भर में नौज़वानों ने गुस्सा प्रकट किया है, जिसकी शुरुआत दिल्ली के छात्रों और नौजवानों ने की है. उन्होंने दामिनी के समर्थन में जिस आक्रोश का प्रदर्शन किया है, वह स्वागत योग्य है. मैं दिल्ली और देश के नौजवानों को बधाई देता हूं. दामिनी ने अपना बलिदान देकर देश के नौजवानों के सामने एक चुनौती पेश की है कि वे व्यवस्था परिवर्तन के लिए खड़े हो जाएं और ऐसी सरकार एवं व्यवस्था के निर्माण की अगुवाई करें, ताकि अपराध, भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी ख़त्म हो तथा सभी को न्याय मिल सके. पटना के गांधी मैदान में 30 जनवरी को मैंने बिहार के नौजवानों एवं नागरिकों को नए आंदोलन की शुरुआत में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. मैं 30 जनवरी को गांधी मैदान पहुंचूंगा और देश के लोगों से अपील करूंगा कि इंतज़ार करने का वक्त ख़त्म हो गया है और नौजवानों द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने का समय आ गया है. मैं बिहार के नागरिकों-नौजवानों के साथ सारे देश के लोगों से अपील करता हूं कि वे 30 तारीख को पटना के गांधी मैदान में पहुंचें और इस ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व करें. मैं विशेषकर महिलाओं, युवतियों एवं छात्रों से अपील करता हूं कि वे पटना के गांधी मैदान में ज़रूर आएं और देश को बदलने के अभियान का नेतृत्व करें. मैं बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि वे आंदोलन में सहायक बनें और 30 जनवरी को गांधी मैदान में सभा करने की अनुमति प्रदान करें. आशा है, बिहार के मुख्यमंत्री जनता की भावना के ख़िला़फ खड़े नहीं होंगे. मैंने भूतपूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह से आग्रह किया है कि वह गांधी मैदान में होने वाली इस सभा के आयोजन की ज़िम्मेदारी संभालें. मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे जनरल वी के सिंह के दिशा-निर्देशन में 30 जनवरी की सभा के आयोजन में जुट जाएं. बिहार से महात्मा गांधी ने आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत की थी. बिहार से ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने देश में संपूर्ण क्रांति का संघर्ष प्रारंभ किया था. बिहार में ही भगवान बुद्ध को बुद्धत्व प्राप्त हुआ था. इसलिए देश को बदलने, देश में जनता के प्रति जवाबदेह विधायिका और कार्यपालिका का निर्माण करने तथा ग्राम सभाओं को सर्वशक्तिशाली बनाने के साथ महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और कुशिक्षा के ख़िला़फ संघर्ष की शुरुआत बिहार से ही हो सकती है.
मैं बिहार में पैदा हुए सभी महापुरुषों को प्रणाम करने और बिहार की जनता को नमन करने 30 जनवरी को पटना आ रहा हूं.
चौथी दुनिया बेस्ट न्यूज़ पेपर है . बहुत ही ज्यन्बर्धक .
मै चौथी दुनिया जरुर पढ़ता हु . सरोज जी के नेत्रित्व में समस्तीपुर में काम कर चूका हु
राम बालक रॉय समस्तीपुर
यह जान कर अच्छा लगा की एक बार फिर अन्ना जनलोक पाल के लिए आंदोलन करने जा रहें हैं । मगर इस बार के आंदोलन में केजरीवाल मोजूद नहीं होगें तो निश्चय ही इस आंदोलन की क्या दिशा होगी यह प्रश्न पूरे देश की जनता के मन में होगा ।सवाल यहा अन्ना की छमता का नही टीम की छमता का हैं । जो अन्ना के लिए भी चिंता का विषय होगी । अब एक नव र्निमित टीम को अपनी छमता का परितय देना होगा जो किसी अग्नि परीक्षा से कम नही होगा ।