सोचिये अगर आपके फ़ोन में 4G नेटवर्क से 20 गुना ज़्यादा इंटरनेट स्पीड मिले तो क्या होगा। इस बात को सुन कर चौंकना लाज़मी है. लेकिन चीन, जापान और साउथ कोरिया जैसे देश इसे सच करने में जुटे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं 5जी नेटवर्क की। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2022 से भारत में 5G का इस्तेमाल किया जा सकेगा. यह दावा स्वीडन की टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन के एक सीनियर अधिकारी ने किया है.
5G का कमर्शल इस्तेमाल 2020 से होने की संभावना है। हालांकि, साउथ कोरिया ने 2018 के विंटर ओलिंपिक्स तक इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा है। एरिक्सन के अधिकारी के मुताबिक साल 2018 सूचना प्रौद्योगिकी के नजरिए से इतिहास में एक महत्वपूर्ण साल के रूप में दर्ज होने जा रहा है. एरिक्सन का अनुमान है कि भारत में 2022 से 5G का उपयोग शुरू हो जाएगा.
लेकिन तब तक भारत में मंथली मोबाइल डेटा ट्रैफिक बढ़कर 5 गुना अधिक होने की संभावना है. यह 2017 में 1.9 एक्साबाइट (ईबी) था, जो 2023 तक बढ़कर 10 एक्साबाइट हो जाएगा. एरिक्सन इंडिया के प्रबंध निदेशक नितिन बंसल ने कहा, दूरसंचार नेटवर्क में 5G नए स्तर के प्रदर्शन और विशेषताओं को लेकर आएगी.
सेवा प्रदाताओं के लिए राजस्व के नए प्रवाह खुलेंगे. 5G, 2026 तक भारतीय ऑपरेटरों के लिए 43 फीसदी वृद्धिशील राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता है. बताया गया कि 5G लागू करने में उत्तरी अमेरिका दुनिया में सबसे आगे होगा. दरअसल, सभी प्रमुख अमेरिकी सर्विस प्रोवाइडर 2018 के अंत से 2019 के मध्य तक 5G लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं. यही वजह है कि अन्य देश इसमें पीछे रह जाएंगे।