चमकी के कहर ने बिहार के अस्पतालों में फैली बदइन्तजामी की पोल खोल कर रख दी है.तो वहीं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी हालत कुछ ज्यादा अच्छे नहीं हैं. डॉक्टर्स मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं. मामला उत्तर प्रदेश के इटावा का है. जहां अस्पताल की लाइट जाने के बाद जनरेटर नहीं चला तो डाक्टर को मोबाइल की रोशनी में इमरजेंसी में घायलों को टांके लगाने पड़े.
बताया जा रहा है कि सुबह से हो रही बारिश के चलते शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित थी. जिसका असर ज़िला अस्पताल में भी देखने को मिला। अस्पताल का इमरजेंसी विभाग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आया. डॉक्टर्स की मुसीबत उस समय बढ़ जब शाम करीब 6 बजे जिला अस्पताल में इकदिल थाने से मारपीट के मामले में दो सगे भाई राहुल और सुनील को घायल अवस्था मे जिला अस्पताल लाया गया. लेकिन उस वक्त इमरजेंसी विभाग अंधेरे में डूबा था.ऐसे में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने इमरजेंसी विभाग में मौजूद वार्ड ब्वॉय की मदद से घायलों को मोबाइल की रोशनी में टांके लगाने में जुट गए.
वहीं जब जिला अस्पताल के डॉक्टर्स से जनरेटर को लेकर सवाल तो वे मामले से पल्ला झाड़ते नज़र आये. जबकि सीएमएस ने इसका ठीकरा बिजली विभाग पर फोड़ा। इस दौरान जब उनसे अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में मोबाइल की रोशनी में इलाज करने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उस वक्त जनरेटर गर्म होने की वजह से बंद हो गया है. क्योंकि जनरेटर सुबह से चल रहा था. जबकि सच तो ये है कि बिजली जाने के बाद अस्पताल का जनरेटर चला ही नहीं. जिसके चलते इमरजेंसी विभाग में डॉक्टर ड्यूटी के दौरान काफी परेशान नज़र आए.