बीजेपी ने शुक्रवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान से दूरी बनाई कि आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे उनके द्वारा दिये शाप की वजह से 26-11 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान मारे गये थे. बीजेपी ने कहा कि यह उनकी निजी राय है जो सालों तक उन्हें मिली शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की वजह से हो सकती है.

बीजेपी ने इसके कारण शुरू हुए विवाद को हल्का करने का प्रयास करते हुए एक बयान में कहा, ”बीजेपी का मानना है कि करकरे बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गये. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है.”

पार्टी ने दावा किया कि साध्वी प्रज्ञा ने सालों तक पुलिस हिरासत में शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेली, जो उनके इस तरह के बयान की वजह हो सकती है. बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है.

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