मुंबई: आज से ठीक 11 महीने पहले साल 2018 में नासिक से मुंबई तक हजारों किसान का विशाल मार्च निकला था. उस वक्त देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना मार्च वापस लौटा दिया था, लेकिन अब तक सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा नहीं किया है. सरकार पर झूठा होने का आरोप लगाते हुए इन किसानों ने एक बार फिर लोंग मार्च निकालने की घोषणा की है, यानी देश की जनता का पेट भरने वाला भूखा किसान एक बार फिर मुंबई की सड़क पर सरकार से अपने हक के लिए भीख मांगते नजर आएगा. (21 फरवरी) गुरुवार को 50 हजार किसानों ने नासिक से पैदल यात्रा आरंभ कर दी है.

 

28 फरवरी को मुंबई में फिर किसानों की हुंकार 

मुंबई से नासिक की दूरी करीब 180 किलोमीटर की है, रोजाना औसतन 45 किलोमीटर चलने के बाद 50 हजार किसानों की रैली मुंबई तक 28 फरवरी को पहुंचेगी, किसान संगठन के अधिकारियों ने दावा किया है कि 28 फरवरी को मुंबई पहुंचने के बाद सूबे की सरकार को घेरा जाएगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया जाएगा कि 11 महीने पहले जो वादा किया गया था, आखिरकार सरकार ने उसे पूरा क्यों नहीं किया. लोकसभा चुनाव बिल्कुल करीब है और ऐसे में किसानों की रैली या किसानों की नाराजगी महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार के लिए एक बड़ा सवाल भी है और किसानों का विरोध यह दर्शा रहा है कि महाराष्ट्र का जो किसान तबका है वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार से किस कदर नाराज है. किसानों की नाराजगी भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार को महंगी पड़ सकती है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुंबई पहुंचे इन किसानों के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस क्या करते हैं?

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