पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में मौजूद भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने का फैसला लिया है। जल्द ही उन्हें रिहा कर भारत को सौंप दिया जाएगा। इस बारे में भारतीय सरकार से लेकर देश का मीडिया अपने-अपने दावे कर रहे हैं कि उनके दवाब की वजह से अभिनंदन को छोड़ा जा रहा है।

इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और ‘चौथी दुनिया’ के प्रधान संपादक संतोष भारतीय का कहना है, ‘मैंने कल शाम को साढ़े सात बजे ही बता दिया था कि विंग कमांडर अभिनंदन कल छूट रहे हैं। न तो हमारे देश का मीडिया और न ही पाकिस्तान का मीडिया ये बता पा रहा है अथवा जानबूझकर नहीं बता रहा है कि उन्हें क्यों छोड़ा जा रहा है। हम अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि हमारे दबाव की वजह से उन्हें छोड़ा जा रहा है। वहीं पाकिस्तान कह रहा है कि हम अपनी गुडविल अथवा शांति की पहल के तहत विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ रहे हैं। लेकिन मैंने कल बताया था कि विंग कमांडर अभिनंदन के पिता कौन हैं, जिनकी वजह से अभिनंदन छूट रहे हैं।‘

संतोष भारतीय का यह भी कहना है, ‘इस मामले में सेहरा चाहे कोई अपने सिर बांधे, लेकिन एक पत्रकार होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं आपको सच्चाई बताऊं। विंग कमांडर अभिनंदन के पिता का नाम एयरमार्शल एस.वर्धमान है, जो अमरावती नगर, तमिलनाडु के सैनिक स्कूल में पढ़े हुए हैं। कारगिल युद्ध से पहले वर्ष 1999 में जब सीमा पर विवाद हुआ था, तब अभिनंदन के पिता ने ही मिराज विमान के अपग्रेडशन का काम किया था। इसके बाद वे रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित हाई पॉवर पैनल का हिस्सा भी रहे हैं। इस पैनल का गठन मल्टीबिलियन डॉलर फिफ्थ जेनरेशन फाइटर एयरक्रॉफ्ट प्रोजेक्ट ‘एफजीएफए’ के लिए किया गया था, जिसे रूस के सहयोग से डेवलप किया गया था। विंग कमांडर अभिनंदन के पिता को सबसे ज्यादा गैलेंट्री अवॉर्ड्स मिले हैं। उन्होंने भारत की तरफ से पाकिस्तान सरकार के साथ समन्वय बढ़ाने का काम भी किया है।’

संतोष भारतीय का कहना है, ‘पाकिस्तान द्वारा विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़े जाने के मामले में हमारा मीडिया अपनी पीठ थपथपा रहा है और ये सच्चाई छिपा रहा है कि एयरमार्शल के व्यक्तिगत रिश्ते पाकिस्तान की एयरफोर्स के साथ हैं और वहां के अफसरों के साथ हैं। जैसे ही उन्हें पता चला कि अभिनंदन एयरमार्शल वर्धमान के बेटे हैं, अधिकारियों ने फौरन उनके साथ युद्धबंदी की तरह व्यवहार किया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर अभिनंदन को छोड़ने का दबाव डाला। इस दबाव में ही इमरान खान ने अभिनंदन को छोड़ने का निर्णय लिया।’

संतोष भारतीय ने कहा, ‘इस बात से आसानी से समझा जा सकता है कि अभिनंदन को पाक की हिरासत से छोड़े जाने में भारत सरकार का कितना हाथ है पाकिस्तान पर दबाव डालने में और हमारे टीवी चैनलों की कितनी भूमिका है? जिस तरह के ये टीवी चैनल भाषा बोल रहे थे, यदि इनकी चलती तो पाकिस्तान अभिनंदन को कभी नहीं छोड़ता। अभिनंदन अगर एयरमार्शल वर्धमान के बेटे नहीं होते, जिन्होंने भारत की काफी सेवा की और अपने देश की तरफ से पाकिस्तान के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया, तो अभिनंदन का छूटना इतना आसान नहीं था।’

गौरतलब है कि 26 फरवरी को जैश के आतंकी कैंप पर भारत की कार्रवाई के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने पलटवार करने की नापाक कोशिश की, जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की और उसके नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर भारत द्वारा किये गए एयर स्ट्राइक की प्रतिक्रिया के तौर पर पाकिस्तानी विमानों ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की, जिसे खदेड़ने के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग 21 विमान ने पाकिस्तान के एफ 16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। हालांकि, इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में चले गए, जहां उन्हें पाकिस्तान ने 27 फरवरी को हिरासत में ले लिया था।

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